22/06/2023

बदलते देखा ...

 बचपन से रखा भरोसा उसे बदलते देखा ।

मैंने वक्त के साथ सबकुछ बदलते देखा ।।


ना कोई राजा, ना रंक, हर वक्त रहा

वक्त के साथ सबकुछ बदलता रहा 

किसी का अच्छा था समय, तो किसी का बुरा रहा

पर समय अच्छा हो या बुरा, हमेशा बदलता रहा 


जीवन मैं इंसान को अलग अलग किरदार निभाते देखा ।

मैंने वक्त के साथ सबकुछ बदलते देखा ।।


समय के साथ हर जख्म भरता रहा

जीवन मैं आई कठिनाइयों से इंसान लड़ता रहा

ठोकरे खाकर वो हर बार सीखता गया

सीखे हुए हर पाठ से वो जीवन मैं बढ़ता गया


मैंने रिश्ते नाते सब बदलते देखा ।

मैंने वक्त के साथ सबकुछ बदलते देखा ।।


साथ बदला, साथीदार बदला

जिंदगी जीने का अंदाज बदला

चीजे बदली, वक्त बदला

जिंदगी को देखने का नजरिया बदला


कसमें, वादे, प्यार, वफा सब बदलते देखा ।

मैंने वक्त के साथ सबकुछ बदलते देखा ।।


वक्त के साथ लोगो के चेहरे बदले

जिंदगी के साथ हमने कई मोड़ बदले

हर मोड़ पर लोगों की अहमियत बदली

इंसान बदला इंसानियत भी बदली


हर राह, हर मंजिल पर जिंदगी को बदलते देखा ।

मैंने वक्त के साथ सबकुछ बदलते देखा ।।


बालपण भारी देवा ...

कळीचं फुलं होते तसे, घरात बाळ जन्माला येते घरातल्यांचा आनंद द्विगुणित  करणारं बालपण घरात येते घरातल्या प्रत्येकाला वाटतो बाळाचा हेवा बालपण भ...